पशुपालन एवं डेयरी विभाग
पशु चिकित्सकीय सेवाएं
विभाग द्वारा लगभग प्रत्येक ग्राम स्तर पर पशुओं के निःशुल्क ईलाज हेतू पशु चिकित्सालय/पशु औषधालय की स्थापना की गई है । इन संस्थाओं में समय-2 पर बांझपन निवारण शिविरों तथा कृमिनाशक दवा वितरण शिविरों का भी आयोजन किया जाता है ।
रोग नियन्त्रण एवं टीकाकरण
इसके अन्तर्गत विभाग् द्वारा बड़े पशुओं में फेलने वाले घातक रोगों जैसे – मुहँखुर, गलघोंटू, ब्रुसेलोसिस तथा छोटे पशुओं, जैसे भेड़ व बकरी में होने वाली विभिन्न बीमारियों के बचाव हेतू निःशुल्क टीकारण किया जाता है । इसके लिए समय-2 पर जागृति कैम्प लगाकर पशुपालकों को टीकारण के प्रति जागरूक किया जाता है ताकि पशुधन स्वस्थ रह सके।
जिला पशु रोग निदान प्रयोगशाला, हिसार
इस प्रयोगशाला में जिले भर से पशुपालकों द्वारा या पशु चिकित्सक द्वारा भेजे गए गोबर, खून, पेशाब के टैस्ट मुफ्त किए जाते हैं । इसके अतिरिक्त कई बिमारियों जैसे टी.बी., जे.डी. व ब्रुशेैला के टैस्ट भी मुफ्त किए जाते हैं ।
कृत्रिम गर्भाधान सुविधा
यह सुविधा गाय व भैसों में नस्ल सुधान व दुग्ध उत्पादन वृद्धि हेतू चलाई गई है । इस स्कीम के अन्तर्गत उत्तम नस्ल के सांडो का वीर्य लेकर गाय व भैंसों को कृत्रिम विधि से गर्भित किया जाता है जिसके कारण नस्ल सुधार व अधिक दुग्ध उत्पादन को बढावा मिला है । संस्था पर राशि 30/- रूपए तथा घर द्वार पर राशि 100/- प्रति गर्भाधान सरकारी शुल्क वसूल किया जाता है।
गौशालाओं का पंजीकरण व अनुदान
इसके अन्तर्गत इच्छुक गौशालाओं का आवेदन हरियाणा गौ-सेवा आयोग, पंचकूला को भेजकर उनका पंजीकरण करवाया जाता है तथा पंजीकृत गौशालाओं को हरियाणा गौ-सेवा आयोग, पंचकूला तथा भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, चैन्नई से अनुदान दिलवाया जाता है ।
गौ संवर्धन एवं संरक्षण कार्यक्रम
हरियाणा में गाय की देसी नस्ल (हरियाणा एवं साहीवाल) को बढावा देने हेतू दुग्ध प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन प्रत्येक ग्राम के स्तर पर किया जाता है जिसमें पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि निम्नलिखित अनुसार वितरित की जाती है। इसके अतिरिक्त इन नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतू मिनी डेयरी योजना के तहत पशुपालकों को तीन या पांच दुधारू गायों की खरीद पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान राशि भी दी जाती है।
मुर्राह भैंस संरक्षण कार्यक्रम
ऽ मुर्राह भैस, जो विस्तार में भैसों की सबसे उत्तम नस्ल है तथा हरियाणा राज्य इसका मूल स्थान है व इसे काला सोना का नाम दिया गया है, इसलिए हरियाणा प्रदेश के पशुपालकों को उत्तम मुर्राह दुधारू भैंस पालने की प्रवृत्ति को बढावा देने हेतू दुग्ध प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । यह आयोजन प्रत्यक ग्राम के स्तर पर किया जाता है जिसमें पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि निम्नलिखित अनुसार वितरित की जाती है । इस दुग्ध प्रतियोगिता में शामिल उच्च कोटि की भैसों से प्राप्त एक वर्ष के कटड़ों को विभाग अच्छी कीमत (राषि 20,000 से 30,000/- रू0) तथा इससे भी अधिक कीमत पर पशुपालकों से खरीद कर राजकीय कटड़ा फार्म, हिसार में रखा जाता है और बाद में इच्छुक ग्राम पंचायतों को न्यूनतम मूल्य पर दिया जाता है ।
50 दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी योजना
इस योजना के तहत 50 दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी बैंक के माध्यम से लोन स्वीकृत होने उपरान्त स्थापित करवाई जाती है तथा इस योजना के तहत स्वीकृत ऋण के 75 प्रतिशत राशि लगने वाला ब्याज विभाग द्वारा लाभार्थी को प्रदान किया जाता है।
3/5/10 दुधारू पशुओं की मिनी डेयरी योजना
इस योजना का उद्देश्य शहरी/ ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवक/ युवतियों को बैंकों के माध्यम से ऋण दिलवाकर स्वरोजगार उपलब्ध करवाना तथा आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब परिवारों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है । इस योजना के तहत लाभार्थी को 25 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।
भेड़/बकरी युनिट/3 दुधारू पशुओं की मिनी डेयरी योजना
इस स्कीम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों को 20 भेड़/बकरी व एक नर खरीदने के लिए एक लाख रूपए का ऋण 50 प्रतिशत अनुदान पर दिलवाया जाता है । इसके अतिरिक्त 3 दुधारू पशुओं की ईकाई स्थापित करवाई जाती है जिस पर लाभार्थी को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।
सुअर पालन युनिट
इस स्कीम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के बरोजगार युवकों को सुअर पालन हेतू राशि 50,000/- रूपए का ऋण 50 प्रतिशत अनुदान पर बैकों से दिलवाया जाता है ।
पशु आहार
पशु आहार आदेश 1999 के तहत पशु आहार के निर्माताओं व विक्रेताओं का पंजीकरण करवाना आवश्यक है और पशु आहार की गुणवत्ता को चैक करने के लिए विभाग की टीम द्वारा समय-2 पर सैम्पल लिए जाते हैं ताकि पशुपालकों को शुद्ध पशु आहार उपलब्ध करवाया जा सके ।
विभाग की स्कीमें
क्र0सं0 | स्कीम का नाम | पात्रता की शर्तें | आवेदन का तरीका | संलग्न किए जाने वाले दस्तावेज (सभी सत्यापित) | विभागीय फीस, यदि कोई हो तो जमा करवायें | स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि/सहायता | समय अवधि | डाउनलोड फॉर्म |
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1 | गौसंवर्धन एवं संरक्षण कार्यक्रम | कोई भी पशु पालक | उपनिदेषक, उपमण्ड अधिकारी, सीमन बैंक अधिकारी, पशु चिकित्सक तथा सरपंच अथवा वार्ड सदस्य की कमेटी द्वारा |
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निःशुल्क | प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन (हरियाणा गाय)
प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन (साहीवाल गाय)
प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन (बेलाही गाय)
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नियमानुसार | http://pashudhanharyana.gov.in/forms |
2 | मुर्राह भैंस संरक्षण कार्यक्रम | कोई भी पशु पालक | उपनिदेषक, उपमण्ड अधिकारी, सीमन बैंक अधिकारी, पशु चिकित्सक तथा सरपंच अथवा वार्ड सदस्य की कमेटी द्वारा |
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निःशुल्क | प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन
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नियमानुसार | http://pashudhanharyana.gov.in/forms |
3 | 50 दुधारू पशु हाईटेक डेयरी यूनिट | 18 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र का कोई भी बेरोजगार | लोकल एरिया पशु चिकित्सा माध्यम से |
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निःशुल्क | कुल ऋण राशि के 75 प्रतिशत भाग पर 05 वर्ष के लिए देय ब्याज का भुगतान | नियमानुसार | http://pashudhanharyana.gov.in/forms |
4 | 3/5/10 दुधारू पशु मिनी डेयरी यूनिट | 18 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र का कोई भी बेरोजगार | लोकल एरिया पशु चिकित्सा माध्यम से |
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निःशुल्क | ऋण राशि पर 25 प्रतिशत अनुदान (देसी गाय पर 50 प्रतिशत अनुदान) | नियमानुसार | http://pashudhanharyana.gov.in/forms |
5 | 3 दुधारू पशु मिनी डेयरी यूनिट (अनुसूचित जाति) | 18 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र का कोई भी बेरोजगार | लोकल एरिया पशु चिकित्सक माध्यम से |
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निःशुल्क | ऋण राशि पर 50 प्रतिशत अनुदान | नियमानुसार | http://pashudhanharyana.gov.in/forms |
6 | पशु-आहार आदेश 1999 के तहत पशु-आहार निर्माताओं व विक्रेताओं का पंजीकरण | कोई भी पशु-आहार निर्माता/विक्रेता | सम्बंधित उपमण्डल अधिकारी/ उपनिदेषक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग |
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– | नियमानुसार | http://pashudhanharyana.gov.in/forms |